रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द किया जाये :- कुंवर झाझन सिंह

 


नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन ने समस्याओं के समाधान हेतु डिप्टी सीटीएम उत्तर मध्य रेलवे टूंडला को दिया ज्ञापन

विशन पाल सिंह चौहान (प्रधान संपादक) अलार्म इण्डिया न्यूज

नॉर्थ सेंट्रल रेलवे मेंस यूनियन शाखा टूंडला के *अध्यक्ष - कुवर झांझन सिंह बघेल* द्वारा रेलवे कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर दिए गए ज्ञापन में संबंधित अधिकारी से मांग करते हुए कहां है कि टूंडला मुख्यालय में रेलवे साथियों को आए दिन तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह से उनकी मानसिक दशा और कार्यशैली प्रभावित हो रही है। तथा कर्मचारियों के निजी हितों का हनन भी हो रहा है। इसीलिए दिए गए ज्ञापन से संबंधित समस्याओं का समाधान निश्चित समय अवधि के अंतर्गत होना अति आवश्यक है।

समस्याओं के संदर्भ में जानकारी उपलब्ध कराते हुए *कुंवर झाझन सिंह बघेल* ने कहा है कि टूंडला मुख्यालय पर 2000 रनिंग स्टाप कार्यरत हैं। टूंडला लावी पर जब पहले कर्मचारी 2000 से कम थे तब 5 - KOIS मशीन ऑन ऑफ ड्यूटी के लिए लगे हुए थे। जब कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 2000 के लगभग हो गई तो KOIS मशीन को कम कर दिया गया। वर्तमान में चार के ओ आई एस मशीन लावी पर लगी है। जिनमें से एक मशीन लगातार खराब रहती है। और दूसरी मशीन की कनेक्टिविटी बहुत स्लो है। कई बार 45 मिनट से अधिक का समय ऑफ व ऑन कर्मचारियों को ड्यूटी में लग जाता है। इस परिस्थिति के बावजूद भी नए प्रावधान में ऑफ ड्यूटी के समय ट्रेन मैनेजर के लिए CTO व अन्य विन्दु CMS पर उल्लेखित करना अनिवार्य कर दिया गया है। जिस कारण पहले से अधिक समय आफ ड्यूटी करते समय लगता है। स्पष्ट शब्दों में कहा जाए तो अनावश्यक सुविधाये जानबूझकर पैदा की जा रही है। KOIS मशीन की संख्या को बढ़ाया जाए। तथा कनेक्टिविटी स्पीड को बढ़ाया जाए, जिससे समस्या का समाधान हो सके।

इसी क्रम के मांग पत्र में आगे कहा गया है कि टूंडला लावी पर पानी की सप्लाई में खारे पानी की सप्लाई होती है। जिसकी वजह से R O की मशीन भी कुछ समय के अंतराल में ही खराब हो जाती है। जिसके कारण कर्मचारियों को पीने के पानी की भारी समस्या बनी हुई है। इस समस्या के समाधान हेतु टूंडला लावी पर समर पंप लगाकर बहतर पानी की सप्लाई सुनिश्चित की जाए। ताकि पीने के पानी की समस्या का स्थाई समाधान हो सके।

आगे की मांग में कहा गया है कि टूंडला लवी पर एक शिफ्ट में कई पाथ मिलते हैं जो पूर्व की अपेक्षा में लगभग चार गुना बड़े हैं। जिस कारण प्रति घंटा कर्मचारियों की लावी गैदरिंग बड़ी है लेकिन उनके बैठने के लिए पूर्व के भांति ही व्यवस्था है। जबकि कर्मचारियों की गैदरिंग बढ़ाने के साथ-साथ उनके बैठने की पूर्ण व्यवस्था भी आवश्यकता अनुसार की जानी चाहिए।

ट्रेन मैनेजर साइड 30 HRS रेस्ट मिलना नियमानुसार लागू किया जाए। जिसका लीव व CL से कोई सरोकार नहीं है। रेस्ट लगने की सूचना कर्मचारियों को समय से उपलब्ध करा दी जाए एवं अवेलेबिलिटी समय पूर्ण होने के उपरांत, उसका जबरन रेस्ट न लगाकर, रेस्ट देने के कोटे को गलत तरीका से पूरा ना किया जाए।

रेलवे कर्मचारियों के ओवरटाइम भुगतान को डिजीटल किया जाए जिससे उन्हें मेहनत का लाभ जल्द से जल्द प्राप्त होसके और भुगतान में अनावश्यक विलंब न हो सके। इस भुगतान को माइलेज के साथ ही दिया जाए।

वीटी रिफ्रेशर ओटोमेटिक छमता ड्यू की जानकारी पहले से दिया जाना सुनिश्चित की जाए। फस्ट ऐड रिफिलिंग मेमो लावी पर कोशन ए एस एम पर दिया जाना सुनिश्चित जाये। ताकि रविवार व अन्य छुट्टी के समय इस मेमो को ट्रेन मैनेजर वहां से लेकर फस्ट ऐड भरवां सके।

गुड्स यार्डो व लाइनों के बीच में झाड़ियां तथा घास होने के कारण उन में सांप रहते हैं जिस कारण लोड चेक करने व GDR बनाने में काफी असुविधा कठिनाई आती है, साथ ही कई यार्डों में जाने व आने का रास्ता भी नहीं है। जिस कारण कर्मचारियों को काफी परेशानी होती है इस समस्या का समाधान होना अति आवश्यक है। 

रनिंग कर्मचारियों के मुख्यालय से बाहर रहने के 72 घंटे के नियम में यह तय किया जाए की कर्मचारी बेहतर घंटे के अंदर मुख्यालय पर आसके।

एत्मादपुर में रनिंग कर्मचारियों के लिए वेटिंग हॉल की कोई व्यवस्था नहीं है, इसीलिए इस स्थान पर वेटिंग हाल एवं पीने के पानी तथा शौचालय की व्यवस्था होनी चाहिए जिससे कर्मचारियों को कोई परेशानी ना हो सके। 

सभी रनिंग रूम में व्यवस्थाओं की जांच के लिए, अलग-अलग रनिंग रूम कमेटी बनाई जाए, जिस समय अनिवार्य रूप से लोको पायलट ALP व ट्रेन मैनेजर रखे जाएं, एवं वही रनिंग कर्मचारी रखे जाएं, जो उसे रनिंग रूम का इस्तेमाल करते हो। 

टूंडला मुख्यालय में रनिंग कर्मचारियों की संख्या के अनुरूप बाकी ताकि की संख्या बहुत कम है, चार्जर पाइंट कम होने की वजह से बाकी टाकी चार्ज नहीं हो पाते हैं, साथ ही साथ कई सेट (डिफेक्ट) खराब है। वॉकी-टॉकी एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसे संचार व्यवस्था संचालित होती है, इसीलिए बाकी टाकी सेट की संख्या बढ़ाई जाए। तथा खराब पड़े सेट बदलवाये जाएं।

समस्याओं के समाधान हेतु दिए गए ज्ञापन की प्रतिलिपि - संबंधित मंडल मंत्री प्रयागराज/ ATM टूंडला को प्रेषित की गई है।

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